आप टीवी देखते हैं ?
मुझे यकीन है , अगर आपके पास टीवी भी है और समय भी है तो आप टीवी ज़रूर देखते होंगे।
आप बाज़ार के बारे में जानते हैं ?
हाँ, हाँ, वही जहाँ आप बिकते हैं या कुछ खरीदते हुए ख़ुद को महसूस करते हैं ।
हर जगह आप स्त्रियों की बहुतायत देख सकते हैं
हर मौके पर स्त्री-शक्ति मौजूद है।
स्त्रियों की वजह से बिक्री पर फर्क पड़ता है -
इस बात को हम से बेहतर ढंग से स्त्रियाँ जानती है ?
मेरी जिज्ञासा है कि स्त्री-चेतना बाज़ार का कोई प्रायोजित प्रोपगंडा है
अथवा .........
तय है बाज़ार जेंडर-डिस्कोर्स से अतीत है
यानि बाज़ार स्त्री या पुरूष नहीं है
स्त्री-चेतना स्त्री के नज़रिए से सामाजिक संरचना को पुनर्परिभाषित करने का प्रयत्न करती है
स्त्री-चेतना मर्दवाद के यौन-शुचिता के नारे को चुनौती देती है
स्त्री-चेतना समाजनिष्ठ पुरूष का आश्रय छोड़ कर बाज़ार-निष्ठ पुरूष का आश्रय करने का परामर्श करती है ?
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1 टिप्पणी:
स्त्री-चेतना स्त्री के नज़रिए से सामाजिक संरचना को पुनर्परिभाषित करने का प्रयत्न करती है
स्त्री-चेतना मर्दवाद के यौन-शुचिता के नारे को चुनौती देती है.....stri ke prati aapke vichar acche lage...!!
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